Monday, March 30, 2009
Song for my Love
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Nannu,
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Song for my love
Friday, March 27, 2009
Massom Si Mohabbat
मासूम सी मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है,
कागज़ की हवेली है, बारिश का ज़माना है
क्या शर्त-ऐ-मोहब्बत है, क्या शर्त-ऐ-ज़माना है
आवाज़ भी ज़ख्मी है और वो गीत भी गाना है
उस पार उतरने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुरानी है, तूफ़ान भी आना है
समझे या ना समझे वो अंदाज़-ऐ -मोहब्बत का
एक ख़ास को आँखों से एक शेर सुनाना है
भोली सी अदा, कोई फिर इश्क की जिद पर है
फिर आग का दरिया है.. और डूब के जाना है
________________________________
मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसी का था
मैं अकेला था काफिला भी उसी का था
साथ साथ चले की सोची फिर रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था
आज तनहा दिल ये सवाल करता है
लोग तो उसी के थे,क्या खुदा भी उसी का था
कागज़ की हवेली है, बारिश का ज़माना है
क्या शर्त-ऐ-मोहब्बत है, क्या शर्त-ऐ-ज़माना है
आवाज़ भी ज़ख्मी है और वो गीत भी गाना है
उस पार उतरने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुरानी है, तूफ़ान भी आना है
समझे या ना समझे वो अंदाज़-ऐ -मोहब्बत का
एक ख़ास को आँखों से एक शेर सुनाना है
भोली सी अदा, कोई फिर इश्क की जिद पर है
फिर आग का दरिया है.. और डूब के जाना है
________________________________
मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसी का था
मैं अकेला था काफिला भी उसी का था
साथ साथ चले की सोची फिर रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था
आज तनहा दिल ये सवाल करता है
लोग तो उसी के थे,क्या खुदा भी उसी का था
Koi Deewana Kehta Hai - Dr. Kumar Biswas
कोई दीवाना कहता है,कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है
मुहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं
जो तू समझे तो मोती है, ना समझे तो पानी है
बहुत टुटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया..
हवाओं के इशारो मे, मगर मैं बह नही पाया...
अधूरा अनसुना ही रह गया ये किस्सा मुहब्बत का
कभी तू सुन नही पायी कभी मैं कह नही पाया...
समंदर पीर के अन्दर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आँसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाह्त को अपना तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
की भंवर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
स्वयं से दूर तुम भी हो.... स्वयं से दूर हम भी है...
बड़े मशहूर तुम भी हो...बड़े मशहूर हम भी है..
बड़े मगरूर तुम भी हो... बड़े मगरूर हम भी है..
अथः बड़े मजबूर तुम भी हो,बड़े मजबूर हम भी है...
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है
मुहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं
जो तू समझे तो मोती है, ना समझे तो पानी है
बहुत टुटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया..
हवाओं के इशारो मे, मगर मैं बह नही पाया...
अधूरा अनसुना ही रह गया ये किस्सा मुहब्बत का
कभी तू सुन नही पायी कभी मैं कह नही पाया...
समंदर पीर के अन्दर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आँसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाह्त को अपना तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
की भंवर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
स्वयं से दूर तुम भी हो.... स्वयं से दूर हम भी है...
बड़े मशहूर तुम भी हो...बड़े मशहूर हम भी है..
बड़े मगरूर तुम भी हो... बड़े मगरूर हम भी है..
अथः बड़े मजबूर तुम भी हो,बड़े मजबूर हम भी है...
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Koi Deewana Kehta hai,
Kumar Biswas
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