Saturday, May 1, 2010

आज उड़ लेते हैं इस हवा में जो तिनका हैं

आज उड़ लेते हैं इस हवा में जो तिनका हैं, कल कहीं जड़ें ना बना लें बड़े बन कर
वक़्त ऐसा है की तिनका तीर बन जाये, तिरस्कृत कर्ण जैसे दानवीर बन जाएँ,
मत देखो इन हिकारत भरी नज़रों से हमें, क्या पता ये बन्दे कल दुनिया की तक़दीर बन जाएँ!!

Courtesy comments on Nimish Rustagi's facebook photos.