Friday, March 27, 2009

Koi Deewana Kehta Hai - Dr. Kumar Biswas

कोई दीवाना कहता है,कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है

मुहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं
जो तू समझे तो मोती है, ना समझे तो पानी है

बहुत टुटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया..
हवाओं के इशारो मे, मगर मैं बह नही पाया...
अधूरा अनसुना ही रह गया ये किस्सा मुहब्बत का
कभी तू सुन नही पायी कभी मैं कह नही पाया...

समंदर पीर के अन्दर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आँसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाह्त को अपना तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता

की भंवर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा

स्वयं से दूर तुम भी हो.... स्वयं से दूर हम भी है...
बड़े मशहूर तुम भी हो...बड़े मशहूर हम भी है..
बड़े मगरूर तुम भी हो... बड़े मगरूर हम भी है..
अथः बड़े मजबूर तुम भी हो,बड़े मजबूर हम भी है...

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